भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन की अपरिमित क्षमता है जिसका लाभ लिया जाना शेष है। लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों ने इस क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल की है; अनेक अन्य क्षेत्र अभी भी अपनी लोकप्रियता की प्रतीक्षा में हैं।
सकारात्मक आयाम और चुनौतियाँ
भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों की सांस्कृतिक और प्राकृतिक आकर्षण :
सांस्कृतिक विविधता
समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएँ विद्यमान
हैं। यहाँ के सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न
प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं जो
सीमा पार के लोगों को भी मेलजोल
के लिए प्रभावित करते रहे हैं।
जनजातीय संस्कृतियां
जैसे क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों की जीवंत
संस्कृतियों से स्वयं का परिचय कराना एक
विशिष्ट अनुभव प्रदान करता है। उनकी अनूठी
परंपराओं, हस्तशिल्प और त्योहारों की जीवंतता
सम्मोहक भी है और सुदूरव्यापी भी।
प्राचीन किले और महल
ऐतिहासिक किले और
महल हैं जो क्षेत्र की समृद्ध
सांस्कृतिक विरासत और
सामरिक महत्त्व को दर्शाते हैं।
हिमालयी परिदृश्य
जैसे क्षेत्रों में हिमालय की चोटियों-उपत्यकाओं पर छायी हिमांशी
सुंदरता भारतीयों को मुग्ध भी करती है और गौरव से भी भर देती है।
बर्फ से ढकी चोटियों, ग्लेशियरों, अल्पाइन झीलों और हरी-भरी घाटियों
का साक्षात अनुभव करना सीमाओं के प्रति सम्मान जगाता है। यहाँ
पहुचकर सीमा-सुरक्षा के प्रति लगाव स्वतः बढ़ जाता है।
तटीय सौंदर्य
रहस्यों के साक्षी हैं। अनेक प्राचीनतम् संस्कृतियाँ
यहाँ पली-बढ़ी हैं। समुद्री मार्ग से व्यापार से मिली
समृद्धि की परम्परा यहाँ प्रत्यक्ष हो जाते हैं। सोमनाथ
मंदिर की विश्वाकर्षक दिव्यता का सृजन गुजरात के
तट पर ही हुआ था। विविधताओं के पुंज हैं गुजरात के तट।
मठ और धार्मिक स्थल
लद्दाख में हेमिस मठ और सिक्किम
में रूमटेक मठ जैसे मठों की शांत-सुंदर
और समृद्ध आध्यात्मिक विरासत रोमांचक
भी है और सीमाव्यापी भी।
सीमावर्ती गांव
स्थानीय लोगों के साथ उनकी चुनौतियों और
लचीलेपन को समझना अपने राष्ट्र को समग्रता
में समझना है। ये सीमावर्ती गाँव दर्शनीय और
सराहनीय हैं। इनका समुत्थान हमारा अभिप्रेत है।
प्राकृतिक सुंदरता
रम्यता अनुपमेय है। उत्तर में हिमालय से लेकर
पश्चिम में रेगिस्तान और पूर्वोत्तर और दक्षिण में
हरे-भरे जंगलों तक सुंदरता का साम्राज्य फैला
हुआ है। इन क्षेत्रों के दर्शन करते ही भारत के प्रति
आकर्षण बढ़ जाता है और भारत की विविधता में
एकता के सूत्रों की भी समझ आने लगती है।
रेगिस्तान
में छुपी अनेक अनुसंधान-अन्वेषण की संभावनाओं
के दर्शन करने हैं तो वहाँ अवश्य जाएँ। इस रेगिस्तान
के रग-रग में रंग-विरंगी सुषमा और चुनौतियाँ सहज
ही दिख जाती हैं। यहाँ की अनूठी वनस्पतियों, जीवों
और सांस्कृतिक निधियों को देखना मंत्रमुग्धकारक है।
वन्यजीव अभयारण्य
के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों की समृद्ध जैव
विविधता देखी जा सकती है, जैसे असम में
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और उत्तराखंड में
कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान।
नदियाँ और झीलें
का विश्राम-रूप – इन्हें देखकर आँखें मुग्ध भी हो जाती हैं और विस्मित भी। ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी
नदियों की शांति और लद्दाख में पैंगोंग त्सो जैसी झीलों की सुंदरता का अनुभव वहाँ जाकर ही हो
सकता है।
दर्शनीय विशिष्ट उदाहरण
लद्दाख
पैंगोंग झील
लद्दाख की पैंगोंग झील खारे पानी की एक खूबसूरत झील है, जिसका एक हिस्सा भारत और दूसरा तिब्बत में है। इसका नीला जल और पर्वतीय दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
हेमिस मठ
लद्दाख का हेमिस मठ सबसे बड़ा बौद्ध मठ है, जो तिब्बती संस्कृति और कला का प्रतीक है। यहां का वार्षिक हेमिस उत्सव बेहद लोकप्रिय है।
नुब्रा घाटी
नुब्रा घाटी अपनी रेतीली दुनी और दो-कूबड़ वाले ऊंटों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के हिमालयी दृश्य और नदियाँ इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं।
सिक्किम
नाथुला दर्रा
सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर स्थित नाथुला दर्रा ऊँचे पहाड़ों और ऐतिहासिक महत्व के कारण एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
त्सोमगो झील
त्सोमगो झील सिक्किम की एक सुंदर झील है, जो अपने नीले पानी और बर्फ से घिरे पहाड़ी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
गंगटोक
गंगटोक, सिक्किम की राजधानी, अपने बौद्ध मठों, पर्वतीय दृश्य और कंचनजंगा की हिमाच्छादित चोटियों के लिए जाना जाता है।
अरुणाचल प्रदेश
तवांग मठ
अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है, जो अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है।
नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान
अरुणाचल प्रदेश का नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता, बाघ, हिम तेंदुआ और दुर्लभ वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध एक प्रमुख अभयारण्य है।
दापोरिजो
अरुणाचल प्रदेश का दापोरिजो एक शांत और खूबसूरत पहाड़ी कस्बा है, जो प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है।
राजस्थान
थार रेगिस्तान
थार रेगिस्तान राजस्थान का विशाल मरुस्थल है, जो अपनी सुनहरी रेत, ऊँट सफारी और अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभवों के लिए प्रसिद्ध है।
जैसलमेर किला
जैसलमेर किला राजस्थान का ऐतिहासिक किला है, जिसे ``स्वर्ण किला`` भी कहा जाता है। इसकी पीली बलुआ पत्थर की वास्तुकला इसे खास बनाती है।
जोधपुर
जोधपुर राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है, जिसे ``नीला शहर`` कहा जाता है। यहां का मेहरानगढ़ किला और रियासतकालीन इतिहास प्रसिद्ध हैं।
गुजरात
कच्छ का रण
कच्छ का रण एक विशाल नमक का रेगिस्तान है, जो अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और सफेद रेत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का रण उत्सव खास आकर्षण है।
गिर राष्ट्रीय उद्यान
गिर राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेरों का आखिरी प्राकृतिक निवास स्थान है। यह जंगल अपनी जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के लिए जाना जाता है।
द्वारका
द्वारका एक प्राचीन धार्मिक नगरी है, जो भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मानी जाती है। यहाँ का द्वारकाधीश मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है।